Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में सियासी संकट गहराता जा रहा है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस बुधवार देर रात सीएम आवास छोड़ पत्नी व बच्चों के साथ वापस मातोश्री पहुंच चुके है। इससे पहले उन्होंने अपने समर्थकों को फेसबुक लाइव पर संबोधित करते हुए कहा कि यदि मेरी पार्टी के विधायकों को पसंद नहीं है कि मैं मुख्यमंत्री के पद पर रहू्ं, तो वे सीधे मुझे आकर कहते। मुझे खुशी होती। उन्हें सूरत या गुवाहाटी जाने की क्या जरूरत थी। ठाकरे ने कहा कि मेरी पार्टी का एक भी विधायक मुझसे कहे कि उसे मेरा नेतृत्व पसंद नहीं है तो मैं इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं। राकांपा और कांग्रेस का भी कोई विधायक मुझे कहे तो मैं इस्तीफा दे दूंगा। मैं शिवसेना का अध्यक्ष पद भी छोड़ने के लिए तैयार हूं।
एकनाथ शिंदे का नाम न लेते हुए उद्धव ने कहा कि शिव सैनिक मेरे साथ गद्दारी न करें। सामने आकर बात करें। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे दोनों कोरोना संक्रमित हो गए हैं। एकनाथ द्वारा हिंदुत्व का मुद्दा उठाए जाने पर उद्धव ने कहा कि शिवसेना और हिंदुत्व एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। बाला साहब के बाद नई शिवसेना ने ही महाराष्ट्र में चुनाव जीता है। गौरतलब है कि इससे पहले बुधवार सुबह गुवाहाटी पहुंचे एकनाथ शिंदे ने दावा किया कि बालासाहब के हिंदुत्व के हम वाहक हैं।
एक दिन पहले शिवसेना के 33 विधायक और 7 निर्दलीय विधायकों समेत 40 विधायकों ने शिवसेना के बागी नेता और कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे को अपना समर्थन दे दिया था। आशंका जताई जा रही थी कि ये विधायक महा विकास अघाड़ी सरकार को गिराने के लिए भाजपा में जा सकते हैं।
सूत्रों के मुताबिक, ये बागी विधायक राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को विश्वास मत के लिए लिख सकते हैं। इस बीच, गुवाहाटी में मौजूद शिवसेना विधायक संजय सिरसाट ने दावा किया कि एकनाथ शिंदे के साथ 40 विधायक हैं और बुधवार को यह संख्या बढ़कर 46 हो जाएगी। इसके बाद शिवसेना विधायकों की संख्या 40 हो जाएगी। उन्होंने कहा कि शिवसेना विधायकों की नाराजगी पार्टी नेतृत्व से नहीं, बल्कि कांग्रेस और राकांपा के साथ गठबंधन से है।
महाराष्ट्र में सियासी संकट पर कांग्रेस की नजर
इस बीच, बुधवार को ही कांग्रेस विधायकों की एक बैठक कैबिनेट मंत्री बालासाहेब थोराट के आवास पर हुई। इसमें पर्यवेक्षक कमलनाथ भी मौजूद रहे। कमलनाथ ने कहा कि 44 में से 41 विधायक बैठक में मौजूद रहे। 3 विधायक रास्ते में हैं। मैंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बात की है। उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र विधानसभा भंग करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। इससे पहले शिवसेना नेता संजय राउत ने बुधवार सुबह सोशल मीडिया पर विधानसभा भंग करने के संकेत दिए थे। हालांकि कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बात की है और अभी तक विधानसभा भंग करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। वहीं मंत्री और एनसीपी नेता छगन भुजबल ने राज्य में चुनाव की बात को भी खारिज कर दिया।
शिंदे बना सकते हैं नया दल
एकनाथ शिंदे के पास दलबदल विरोधी कानून का विकल्प है। अयोग्यता से बचने के लिए शिंदे को 36 विधायकों की जरूरत है। दो तिहाई विधायकों के साथ शिंदे खेमा अलग समूह या पार्टी बना सकता है। दल बदल विरोधी कानून के मुताबिक, एक दल को अन्य दल में विलय की अनुमति है बशर्ते कम से कम दो तिहाई विधायक विलय के पक्ष में हों। शिवसेना के 55 विधायक हैं। बागी विधायक विलय करना चाहते हैं तो दो तिहाई यानी 37 विधायकों को दूसरी पार्टी में जाना होगा। ऐसा होता है तो उन विधायकों पर कोई संवैधानिक कार्रवाई नहीं होगी। उनकी योग्यता बनी रहेगी।
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