नई दिल्ली। हिंद महासागर और अरब सागर के बीच सोमवार को बना कम दबाव का क्षेत्र लक्षद्वीप से गुजरते हुए डीप डिप्रेशन में तब्दील हो गया। शनिवार सुबह यह ‘ताऊ ते’ तूफान में बदल जाएगा। मौसम विभाग के मुताबिक यह उत्तर से उत्तर-पश्चिमी दिशा में भारतीय पश्चिमी तट से करीब 300 किमी दूरी पर सामानांतर बढ़ रहा है। मंगलवार तक यह गुजरात में द्वारका और कच्छ के सामने होगा।
तूफान के दौरान 175 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने और तेज बारिश का अनुमान है। वहीं, एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा राहत बल) ने राहत और बचाव कार्यों के लिए गुजरात, महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक में 53 टीमें तैनात की हैं। इनके अलावा 24 टीमें स्टेंडबाई में तैयार हैं।
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मौसम विभाग ने कहा है कि शनिवार से ही यह चक्रवाती तूफान जोर पकड़ने लगेगा। रात होते-होते हवा की रफ्तार 160-170 किमी प्रतिघंटे तक पहुंच सकती है। वहीं, अरब सागर में डीप डिप्रेशन के चलते केरल व लक्षद्वीप में भारी बारिश हो रही है, कहीं-कहीं 150 से 200 मिमी बारिश दर्ज की जा रही है। इससे केरल के तटीय इलाकों में 24 घंटे में बाढ़ के हालात पैदा हो सकते हैं।
समुद्री तटों पर बहुत तेज हवा चल रही हैं। दो दिनों में तूफान कर्नाटक, गोवा व महाराष्ट्र के तटों के समानांतर गुजरेगा। इस दौरान इन राज्यों के तटीय इलाकों में भारी बारिश होगी। यह 18 मई को गुजरात के करीब पहुंच चुका होगा। 18-19 मई को गुजरात में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग की वैज्ञानिक सति देवी ने कहा, यह शनिवार सुबह तय होगा कि तूफान जमीन पर कहां टकराएगा। फिलहाल यह केरल-कर्नाटक से गुजरात की ओर बढ़ रहा है।
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तूफान कहीं भी टकराए कई राज्यों में हो दिखेगा असर
निजी मौसम एजेंसी स्काईमेट के वैज्ञानिक महेश पलावत ने बताया, समुद्री सतह का तापमान सामान्य से अधिक, करीब 29-30 डिग्री सेल्सियस है। यह तूफान के अनुकूल है। अभी दो अलग-अलग मॉडल महाराष्ट्र के आगे इसकी दो दिशा बता रहे हैं। एक के मुताबिक यह गुजरात में द्वारका से कच्छ के बीच टकरा सकता है और दूसरे के हिसाब से पाकिस्तान में करांची के आसपास टकरा सकता है। हालांकि कहीं भी टकराए इसका असर राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली तक पड़ेगा। यह 20 को कमजोर होते हुए कश्मीर पहुंचेगा। तब कश्मीर, हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड तक मध्यम से भारी बारिश होगी।
केरल के पांच जिलों में रेड अलर्ट
केरल सरकार ने पांच जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। इससे पहले भी तीन जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया था। दरअसल, तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, पठनमथिट्टा, मलप्पुरम, कोझीकोड, वायनाड, कन्नूर और कासरगोड चक्रवाती तूफान की चपेट में आ सकते हैं।
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केरल में समय से पहले आ सकता है मानसून
मौसम विभाग ने कहा है कि दक्षिण पश्चिम मानसून केरल में 31 मई को ही दस्तक दे सकता है। पहले विभाग ने तय समय पर एक जून को मानसून आने का अनुमान जताया था। विभाग ने कहा, शुरुआती मानसूनी बारिश दक्षिण अंडमान सागर से होती है। उसके बाद मानसूनी हवाएं उत्तर पश्चिम में बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ती हैं। नई तारीखों के मुताबिक दक्षिण-पश्चिम मानसून 22 मई के आसपास अंडमान सागर में पहुंचेगा।
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