मोरपंख बेहद ही चमत्कारी माना जाता है। मोरपंख लगाने से न केवल घर-ऑफिस का वातावरण पॉजिटिव बनता है बल्कि इससे आपका भाग्य का सितारा भी चमक उठता है। मोरपंख की पवित्रता किसी से छिपी नहीं है। यह भाग्य का उदय करने वाला है। मोरपंख की महत्ता को देखें तो स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने इसे अपने मस्तक पर धारण किया।
ज्योतिष शास्त्र एवं वास्तु शास्त्र में मोरपंख को बहुत भाग्यशाली माना गया है। ऐसा माना जाता है कि घर में मोरपंख रखने से बड़े से बड़ा अमंगल टल जाता है। यही कारण है कि पूजा के मंदिर में मोरपंख लगाने का विधान है। इससे घर में सात्विक वातावरण बनता है। घर में रहने वाले लोगों के नकारात्मक विचार नष्ट होकर विचारों में सकारात्मकता आती है।
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मोरपंख का इतिहास
प्राचीन काल से लोग मोरपंख को अत्यंत आदर देते रहे हैं। दक्षिण-एशिया के पक्षी मोर को देवपक्षी माना गया है। मोर को शिव-पार्वती के पुत्र कार्तिकेय व विद्या की देवी मां सरस्वती का वाहन होने का गौरव प्राप्त है। यही कारण है कि प्राचीन काल से ही विद्यार्थी मोरपंख को अपनी पाठ्य पुस्तकों में रखते आए हैं।
आयुर्वेद में उपयोगी
मोरपंख का उपयोग प्राचीन काल से ही आयुर्वेद के द्वारा कई तरह रोगों के उपचार में किया जाता रहा है। मोरपंख से टीबी, फालिज, दमा, नजला तथा बांझपन आदि रोगों का उपचार किया जाता है।
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वास्तुशास्त्र में मोरपंख
वास्तुशास्त्र के अनुसार मोरपंख व्यक्ति की दशा और दिशा बदलने वाला हैं। मोरपंख के उपयोग से असंभव कार्य भी संभव होने लगते हैं। मोरपंख सकारात्मकता का पूंज है। इसे तिजोरी में रखने से धन में दिन दुगुनी रात चौगुनी वृद्वि होती है।
कालसर्प दोष को दूर करें मोरपंख
कालसर्प दोष को दूर करने की मोरपंख में अदुभत क्षमता है। कालसर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति अपने तकिए के कवर में मोरपंख रखें। यह कार्य सोमवार की रात्रि से करना चाहिए। प्रतिदिन इसी तकिए का प्रयोग करें। इससे कालसर्प दोष का प्रभाव क्षीण हो जाता है।
मोरपंख से दूर होगा राहु दोष
मोर व सर्प में शत्रुता होती है। यदि मोर का पंख घर के पूर्वी और उत्तर-पश्चिम दीवार में या जेब तथा डायरी में रखा हो तो राहू का दोष कभी भी परेशान नहीं करता है। मोरपंख जिस घर में रखा होता है उस घर में कभी भूत-प्रेत की बाधा नहीं होगी, साथ ही किसी भी प्रकार के कीड़े-मकोड़े और छिपकली के आने का रास्ता बंद हो जाता है।
नजर दोष से बचाएं मोरपंख
नवजात बालक को एक मोरपंख चांदी के ताबीज में डालकर पहना देने से बालक डरता नहीं है तथा नजर दोष से भी बचा रहता है। इसके अलावा बच्चों को नजर लग जाने पर मोरपंख की झाडू से उनकी नजर उतारी जाती है।
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बच्चों का जिद्दीपन करें कम
यदि बच्चा जिद्दी हो तो मोरपंख को छत के पंखें पर लगा दे। पंखा चलने पर मोर के पंखों की भी हवा बच्चे को लगेगी। इसके कारण बच्चे में धीरे-धीरे हठ व जिद कम होती जाएगी।
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