Self confidence व्यक्ति को जीवन में कदम-कदम पर काम आता है। जीवन में वही व्यक्ति आगे बढ़ सकता है जिसमें सेल्फ कॉन्फिडेंस होता है। आपने अक्सर देखा होगा कि कम बुद्धिमान और कम पढ़ा-लिखा व्यक्ति किसी काम में सफल हो जाता है और उससे अधिक काबिल व्यक्ति उसी काम में असफलता प्राप्त करता है। ये सब सेल्फ कॉन्फिडेंस के कारण होता है। जिस व्यक्ति में सेल्फ कॉन्फिडेंस भरपूर होता है, वह व्यक्ति बडे़ से बड़ा काम आसानी से कर सकता है। उसके लिए इस दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है।
यदि आप भी चाहते है कि आपका सेल्फ कॉन्फिडेंस बढ़े तो आइए आज हम आपको ऐसे 5 आसान तरीके बता रहे हैं, जिनसे आपका कॉन्फिडेंस लेवल तेजी से बढ़ेगा। मनोवैज्ञानिक डेविड जे. श्वार्ट्ज़ ने इन तरीको को सेल्फ कॉन्फिडेंस बढ़ाने के लिए कारगर बताया है।
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1. आगे की बेंच पर बैठें
जब भी आप किसी कार्यक्रम, सेमिनार, मीटिंग, क्लासरूम या अन्य स्थान पर जाते हैं तो आपने देखा होगा कि पीछे की सीटें जल्द भर जाती है। अधिकांश लोग पहली और दूसरी लाइन को छोड़कर तीसरी लाइन में बैठना चाहते हैं। आपने सोचा है ऐसा क्यों होता है। ऐसा इसलिए होता है कि पीछे बैठने वाले लोग सबकी नजरों से बचना चाहते हैं और नजरों से इसलिए बचना चाहते हैं कि उनमें आत्मविश्वास नहीं होता है।
यदि आपको जीवन में सफल होना है तो आगे बैठे। आगे बैठने से आत्मविश्वास बढ़ता है। आप जितना आगे बैठ सकते है बैठे। इससे आप लोगों की नजर में रहेंगे, लेकिन यह भी सच है कि लोगों की नजरों में रहने वाला इंसान जल्द सफलता प्राप्त कर सकता है।
2. नजरें मिलाकर बातें करें
जब भी आप किसी से बात करें तो इस बात का हमेशा ख्याल रखें कि आप उस व्यक्ति की नजरों से नजर मिलाकर बातें करें। इससे व्यक्ति के सेल्फ कॉन्फिडेंस के लेवल का पता चलता है। यह बात बिल्कूल सच है कि जो व्यक्ति नजरें मिलाकर बात नहीं कर रहा है, तो समझिए वह आपसे कुछ छिपाने की कोशिश कर रहा है, आपसे झूंठ बोल रहा है। वह आपको धोखा देना चाहता है और इस बात से डरा हुआ है कि कहीं उसकी चोरी पकड़ी नहीं जाएं। कई बार ऐसा व्यक्ति स्वयं को सामने वाले के मुकाबले हीन महसूस करता है, इसलिए आंखें नहीं मिला पाता।
नजरें मिलाकर बातें करने से सामने वाले को ये मैसेज जाता है कि मैं ईमानदार और सच्चा हूं। मैं जो कह रहा हूं, उसमें पूरी तरह यकीन करता हूं, मैं डरा हुआ नहीं हूं। आंखों में आंखे डालकर बातें करने से सेल्फ कॉफिन्डेंस बढ़ता है।
3. तेज कदमों से चलें
किसी भी व्यक्ति की सुस्त चाल बताती है कि वह अपनी नौकरी, अपने परिवार की स्थिति को लेकर खुश नहीं है। आपने देखा होगा कि जो व्यक्ति थका-हारा होता है उसकी चाल मरी-मरी सी होती है उसका कॉन्फिडेंस लेवल जीरो होता है। जो लोग औसत चाल चलते है वे औसत दर्जे के व्यक्ति होते हैं, वे अपनी लाइफ से संतुष्ट होते है, लेकिन उनमें आगे बढ़ने की ललक नहीं होती है। वो अपनी घिसी पिटी जिदंगी को बिताने में विश्वास करते हैं। लेकिन जो व्यक्ति तेज चाल चलते हैं, उनका कॉन्फिडेंस लेवल हाई होता है, वे हर काम में सफलता प्राप्त करते हैं उन्हें आसमां छूने की जिद होती है।
यदि आप भी अपने कंधों को सीधा कर तेज चाल चलने का अभ्यास करते है तो आप पाएंगे कि थोड़े ही दिनों में आपका कॉन्फिडेंस लेवल बढ़ गया हैं।
4. बोलने की आदत डालें
ऐसा माना जाता है कि समझदार व्यक्ति चुप ही रहता है, लेकिन ऐसा नहीं है अधिकतर चुप रहने वाले व्यक्ति को बुद्विहीन मान लिया जाता है। बोलने का एक सकारात्मक पहलू यह है कि आप जितना ज्यादा बोलेंगे, आपका विश्वास उतना ही ज्यादा बढ़ता जाएगा। इसलिए सेल्फ कॉन्फिडेंस बढ़ाने की इस टेक्निक का प्रयोग कीजिए। आप जिस भी बिजनेस वार्ता, मीटिंग, कम्युनिटी फोरम में भाग लें, उसमें कुछ न कुछ बोलें, कोई टिप्पणी करें, कोई सुझाव दें, कोई सवाल पूछे, अपनी बात जोरदार ढ़ंग से रखें।
5. बड़ी मुस्कराहट दें
मुस्कराहट सेल्फ कॉन्फिडेंस की कमी को दूर करने का एक आसान तरीका है। जीवन में जहां भी आपको लगता है कि आप हार रहे हैं, आप चिंताग्रस्त हो रहे हैं या निराश हो रहे तो बड़ी मुस्कराहट दें। बड़ी मुस्कराहट आपको आत्मविश्वास देती है, आपका डर भगाती है, चिंता दूर करती है और निराशा हो हर लेती है। मुस्कराहट ना केवल आपके सेल्फ कॉन्फिडेंस लेवल में बढ़ोतरी करती है बल्कि इससे आपके प्रति लोगों का विरोध भी पिघल जाता है।
क्या आप जानते हैं कि बड़ी मुस्कराहट ही सफलता की गारंटी है। जब आप बड़ी मुस्कराहट देंगे तो आप महसूस करेंगे कि एक बार फिर खुशी के दिन लौट आए हैं। मुस्कराहट बड़ी होनी चाहिए। तब तक मुस्कराएं जब तक आपके दांत दिखने नहीं लगे।
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