इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार का जाना तय हो चुका है। दिनभर की उठापटक के बाद देर रात को नेशनल असेंबली में कार्यवाह स्पीकर की देखरेख में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग कराई। वोटिंग में इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ ने बहिष्कार कर दिया है। उधर, संयुक्त विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) का प्रधानमंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है। शहबाज, पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई हैं।
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Shehbaz Sharif सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकार्ड बनाया ने
पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) वर्तमान में पीएमएल-एन (PMl-N) के अध्यक्ष हैं। नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद से अपदस्थ किए जाने के बाद से वह पार्टी के प्रेसिडेंट हैं। शहबाज शरीफ नेशनल असेंबली (पाकिस्तान की संसद के निचले सदन) में विपक्ष के वर्तमान नेता हैं। शरीफ को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत (Punjab Province) के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने का गौरव प्राप्त है। वह तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वह 1997 में पहली बार पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री बने। लेकिन, जनरल परवेज मुशर्रफ द्वारा 1999 के तख्तापलट के बाद, उन्हें पाकिस्तान छोड़ना पड़ा और अगले आठ साल सऊदी अरब में निर्वासन में बिताए। शहबाज शरीफ और उनके भाई 2007 में पाकिस्तान लौट आए। 2008 के आम चुनाव में उनकी पार्टी की जीत के बाद वह फिर से पंजाब के मुख्यमंत्री बने।
पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में शरीफ का तीसरा कार्यकाल 2013 में शुरू हुआ और उन्होंने 2018 के चुनावों में पीएमएल-एन की हार तक पूर्ण कार्यकाल दिया। 2018 के चुनावों के बाद उन्हें विपक्ष का नेता नामित किया गया था।
कश्मीर के अनंतनाग के रहने वाला है शरीफ का परिवार
शहबाज शरीफ का जन्म 23 सितंबर, 1951 को लाहौर, पंजाब, पाकिस्तान में मियां कबीले के एक पंजाबी भाषी परिवार में हुआ था। शहबाज के पिता एक उद्योगपति थे। परिवार व्यापार के लिए कश्मीर के अनंतनाग से आया था और फिर अमृतसर के जाति उमरा गांव में बस गया था। विभाजन के बाद, उनके माता-पिता अमृतसर से लाहौर चले गए। उन्होंने लाहौर के गवर्नमेंट कॉलेज यूनिवर्सिटी से बीए किया।
1988 में शुरू हुई थी राजनीतिक यात्रा
पेशे से एक व्यवसायी, शहबाज की राजनीतिक यात्रा 1988 के आम चुनाव में पंजाब की प्रांतीय विधानसभा के लिए चुने जाने के बाद शुरू हुई। तीन बार मुख्यमंत्री रहे चुके शहबाज पर भ्रष्टाचार के भी कई आरोप हैं। 2019 में, राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (NAB) ने उन पर और उनके बेटे, हमजा शरीफ पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाते हुए उनकी 23 संपत्तियों को जब्त कर लिया। उन पर और उनके परिवार के सदस्यों पर 7,328 मिलियन रुपये की संपत्ति जमा करने का आरोप लगाया गया था। सितंबर 2020 में, NAB ने उन्हें लाहौर उच्च न्यायालय में गिरफ्तार किया और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में आरोपित किया। अप्रैल 2021 में लाहौर हाई कोर्ट ने उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया
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