Bhopal gas tragedy :भोपाल गैस त्रासदी के 40 साल बाद यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा 250 किलोमीटर दूर नष्ट करने की तैयारी

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    भोपाल/इंदौर: Bhopal gas tragedy के बाद से बंद पड़ी यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से 377 मीट्रिक टन जहरीला कचरा हटाने का काम रविवार को शुरू हो गया। इसे इंदौर के पास पिथमपुर में सुरक्षित तरीके से नष्ट किया जाएगा। यह कदम मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाए जाने के कुछ हफ्तों बाद उठाया गया है। कोर्ट ने अधिकारियों की निष्क्रियता को लेकर चेतावनी दी थी और कहा था कि यह स्थिति एक और त्रासदी को जन्म दे सकती है।

    भोपाल गैस त्रासदी में हुई थी 5479 लोगों की मौत

    2-3 दिसंबर, 1984 की रात यूनियन कार्बाइड की कीटनाशक फैक्ट्री से अत्यधिक जहरीली गैस मिथाइल आइसोसाइनेट (MIC) के रिसाव से 5,479 लोगों की मौत हो गई थी और पांच लाख से अधिक लोग स्वास्थ्य समस्याओं और दीर्घकालिक विकलांगता से प्रभावित हुए थे।

    कचरा हटाने की प्रक्रिया

    जीपीएस से लैस लगभग आधा दर्जन ट्रक विशेष कंटेनरों के साथ रविवार सुबह फैक्ट्री स्थल पहुंचे।
    कार्यकर्ता पीपीई किट पहनकर काम कर रहे थे। भोपाल नगर निगम, पर्यावरण एजेंसियों, डॉक्टरों और इनसिनरेशन विशेषज्ञों के अधिकारी भी मौके पर मौजूद थे। कचरे को पिथमपुर के इनसिनरेशन स्थल पर ले जाया जाएगा, जो भोपाल से लगभग 250 किलोमीटर दूर है।

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    ग्रीन कॉरिडोर और सुरक्षा इंतजाम

    इस कचरे को भोपाल से पिथमपुर ले जाने के लिए 250 किलोमीटर का ग्रीन कॉरिडोर बनाया जाएगा।
    राज्य के गैस राहत और पुनर्वास विभाग के निदेशक स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि यह प्रक्रिया अदालत के निर्देशों के तहत जल्द शुरू होगी और कचरा 3 जनवरी तक अपने गंतव्य तक पहुंच सकता है।

    कचरा नष्ट करने की प्रक्रिया

    पिथमपुर में कचरे का एक हिस्सा पहले जलाया जाएगा और राख का वैज्ञानिक परीक्षण किया जाएगा। यदि सब ठीक पाया गया, तो तीन महीने में कचरे को नष्ट कर दिया जाएगा। यदि नहीं, तो प्रक्रिया धीमी कर दी जाएगी, और इसे पूरा करने में नौ महीने तक लग सकते हैं। धुएं को चार-परत विशेष फिल्टर से गुजारा जाएगा ताकि पर्यावरण प्रदूषित न हो।

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    स्थानीय लोगों का विरोध

    पिथमपुर के आसपास के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि 2015 में परीक्षण के दौरान 10 टन कचरे के नष्ट होने के बाद आसपास के गांवों की मिट्टी और पानी प्रदूषित हो गए थे। पिथमपुर क्षेत्र रक्षा मंच ने प्रदर्शन में भाग लिया और कहा, “हम पिथमपुर को भोपाल नहीं बनने देंगे। हालांकि, स्थानीय औद्योगिक संगठन के अध्यक्ष गौतम कोठारी ने कहा कि पिथमपुर की कचरा नष्ट करने वाली इकाई में सभी आवश्यक व्यवस्था है और स्थानीय लोगों को डरने की जरूरत नहीं है। यदि प्रक्रिया के दौरान कोई दुर्घटना होती है, तो उनका संगठन विरोध शुरू करेगा। (पीटीआई)

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