नई दिल्ली। देवी शक्ति की उपासना का पर्व चैत्र नवरात्र (Chaitra Navratri 2021) 13 अप्रैल से प्रारंभ होंगे। इस बार नवरात्र में मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर भक्तों को आशाीर्वाद देने धरती पर आएंगी। नवरात्र स्थापना वाले दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग व कुमार योग का शुभ संयोग बन रहा है। इस बार नवरात्र 9 दिन के होंगे। नवरात्र में विधि-विधान के साथ मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जाएगी। पं. मोहन शास्त्री का कहना है कि 13 अप्रैल को चैत्र प्रतिपदा नवरात्र प्रारंभ वाले दिन मंगलवार होने के कारण मां दुर्गा का वाहन घोड़ा होगा। मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आएंगी। घोड़ा तरक्की का प्रतीक माना जाता है।
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घट स्थापना का शुभ मुहूर्त
बंशीधर पंचांग के अनुसार द्विस्वभाव मिथुन लग्न में सुबह 9.46 से दोपहर 12 बजे तक, चर, लाभ व अमृत का चौघडिया सुबह 9.18 से दोपहर 2 बजे तक तथा अभिजित मुहूर्त दोपहर 12.02 से 12.52 बजे तक है। इन मुहूर्त में घट स्थापना की जा सकती है। सुबह 6.19 बजे से दोपहर 2.19 बजे तक सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृतसिद्धि योग और सुबह 6.09 से सुबह 10.17 बजे तक कुमार योग का संयोग बन रहा है। उन्होंने बताया कि नवरात्र में माता के भक्तों को दुर्गा सप्तशती व दुर्गा चालीसा का पाठ करना चाहिए चाहिए।
देवी के इन 9 रूपों की होगी पूजा
पहले दिन शैलपुत्री, दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन चंद्रघंटा, चौथे दिन कुष्मांडा, पांचवें दिन स्कंदमाता, छठे दिन कात्यायनी, सातवें दिन कालरात्रि, आठवें दिन महागौरी और नवें दिन सिद्धिदात्री की पूजा की जाएगी।
किस दिन कौनसा नवरात्र
बंशीधर पंचांग के अनुसार 13 अप्रैल को प्रतिपदा, 14 अप्रैल को द्वितीया, 15 अप्रैल को तृतीया, 16 अप्रैल को चतुर्थी, 17 अप्रैल को पंचमी, 18 अप्रैल को षष्ठी, 19 अप्रैल को सप्तमी, 20 अप्रैल को अष्टमी व 21 अप्रैल को रामनवमी है।